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एक्ज़िट पोल या अपना भविष्य जानने की भुख....!!!

मै चुनाव होने के बाद से तबियत खराब होने की वजह से लिख नही रहा था, इस बीच हमेशा की तरह सब लोगो ने अपने - अपने पोल कराये....जिन्हे एक्ज़िट पोल कह्तॆ है ! कोई कह रहा था की युपीए को १९० सीट मिलेगी, कोई २०० बता रहा था, कोई २१० कह रहा था, कौग्रेस का पोल भी २२० कह रहा था, एनडीए का पोल कुछ कह रहा था, हर किसी को अपनी पडी थी, सबकॊ अपना भविष्य जानना था लेकिन क्या हुआ? कुल मिला कर जितने भी पोल हुए थे सब गलत गये हमेशा की तरह बिल्कुल वैसे ही जैसे मौसम की भविष्यवाणी गलत होती है ! वो भी रोज़ अनुमान लगाते है और होता है उसका उलटा. जिस दिन कहेंगे उसी दिन बारिश नहीं होगी......

अरे यार आदमी के दिमाग क्या भरोसा मै ऐसे बहुत से लोगो को जानता हूं जिन्होने घर से बूथ तक जाने मे अपना वोट किसी और को दे दिया, घर से कुछ और सोच के चले थे और वहां जाकर किसी और को वोट दे दिया....आगे पढ़ें.....

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा