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देश तरक्की कब करता है,,

देश तरक्की कब करता है।
जब वाडे शासक का पक्का हो॥
दिल में एक उल्लास भरा हो ।
देश प्रेमी वह सच्चा हो॥
लोभ लालच से दूर रहे।
कर्तव्य निष्ठां से काम करे॥
जनता के सुख दुःख में शामिल हो॥
चोर नही न उचक्का हो॥
शान मान मर्यादा का
हरदम उसको ख्याल रहे॥
अपने देश के लगो पर
उसके प्रति सम्मान रहे॥
सच्चाई के पथ पर चल के
ग़लत चलन का ढाल न हो॥
तब उपवन हरे भरे रहेगे।
कोयल गीत सुनाएगी॥
खुशिया की रानी चल करके
फ़िर उसके घर को आएगी॥
ने इरादा रख करके
इंशा नही महान वह हो....

Comments

  1. पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ की आपको मेरी शायरी पसंद आई!
    मुझे आपका ब्लॉग बहुत ही अच्छा लगा! आप बहुत सुंदर लिखते हैं!

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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