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मेरे देश का दिल अब रोता है।

मेरे देश का दिल अब रोता है।
पापियों के पाप से।
ये गंदे इंसान से॥
गन्दगी को धोता है॥
...................................
रोज़ धमाके यहाँ पे होते
दहशत चारो ओरहै।
अब्लाओ की इज्जत लुटती
महापाप ये घोर है॥
सरकारी नेता अफसर गन
बोते बीज संताप के॥
पापियों के पास से.....
..............................
गली गली गांजा दारू
बिकते खुलेआम है।
गुंडे गर्दी दादा गिरी
बच्चो के हाथ में जाम है॥
देश का शाशन ऐसे चलता
जैसे बिना लगाम के॥
पापियों के पाप से॥
.......................................
दस दस पग पर घपले होते
सौ मीटर पर चोरी।
मूक बधिर शाशन सत्ता है।
ऐसी क्या मजबूरी॥
जनता का माल हड़प जाते है॥
डरते न भगवान् से॥
पापियों के पाप से।
ये गंदे इंसान से॥
गन्दगी को धोता है॥
मेरे देश का दिल अब रोता है।

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ग़ज़ल

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