इधर चुनाव उधर क्रिकेट, दो-दो देखो मैच।
कौन कहाँ पर ड्राप हो, कौन कहाँ पर कैच?
कौन कहाँ पर कैच, फैसला दे एम्पायर।
जो जीते हो हीरो, हारा हो वैम्पायर।
कहे 'सलिल' कविराय बजाओ जी भर ताली।
कुछ भी करो न काम व्यवस्था को दो गाली।
कौन कहाँ पर ड्राप हो, कौन कहाँ पर कैच?
कौन कहाँ पर कैच, फैसला दे एम्पायर।
जो जीते हो हीरो, हारा हो वैम्पायर।
कहे 'सलिल' कविराय बजाओ जी भर ताली।
कुछ भी करो न काम व्यवस्था को दो गाली।
बेहद खूबसूरत रचना संजीव जी
ReplyDeleteमजा आ गया