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जूता चल जायेगा..

नेता जी अपनी रैली में जा रहे थे तो नेतानी जी ने कहा अजी सुनते हो नेता जी ने कहा बोलो" क्या बात नेतानी जी नेता टीका लगाया ओउर उसके बाद बोली बुरा न मनो तो मई भी चली नेता जी बोले मईभी तो सोचा रहा रहा था लेकिन आज कल तो लोग जूता चप्पल चलाते है, इस लिए मई नही तुम्हे ले चल सकता नेतानी जी बोली तो क्या हुआ लोग मारने के लिए थोड़े चलाते है, वे तो जनता को दिखाने के लिए चलाते आज तक किसी नेता को जूता लगा तो नही आप जैसे बचे गे वैसे मई भी बच जाऊगी आख़िर में तो मैसाड़ी जिंदगी लोगो के वार से तो बचाती ही आ रही हूँ, मेरे जाने से आप की रैली में रौनक आ जायेगी ओउर लोग वोट भी देगे क्यो की अभी तक लोगो ने हमें देखा तक भी नही है, नेता जी बोले आप घर पर लोगो को देखो मै बाहर रैली में जा रहा हूँ, पता नही कब जूता चल जाए..

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा