गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा
तिरंगे का अपमान, एक कथित ईश्वर के द्वारा...................
ReplyDeletesaleem jee kuchh samjh me nahi aaya .................jara khul ke kahiye ...................
ReplyDeleteऐसे लोगों को यूँ ही नहीं बख्शा जाना चाहिए,इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए !
ReplyDeleteजो देश का सम्मान करना नहीं जानता,बह देश में रहने के काबिल हो ही नहीं सकता !
faansi par chada do!
ReplyDelete"KARO KUCH AISA VATAN K LIYE ,
ReplyDeleteTIRANGA MIL JAYE KAFAN K LIYE"
ANIL CHOUDHARY...............