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ऐसा भी होता है जमानें में .....

बात उस समय की है जब मै हाई स्कूल में पढ़ रहा था । रेडियो पर सुना की आज नामीबिया दिवस है । समझ नही पाया । स्कूल में जब मैंने अपने भूगोल के टीचर से पूछा तो उन्होंने थोडी देर सोचा .... फ़िर बताया की नामीबिया का मतलब खुशी होता है ...यह दिवस विदेशों में खुशी को हासिल करने के निमित मनाया जाता है । मै संतुष्ट हो गया । करीब एक साल बाद मुझे पता चला की नामीबिया अफ्रीका का एक देश है और वह अपने स्थापना दिवस को नामीबिया दिवस के रूप में मनाता है । यह जानकर काफी हैरानी हुई..... अब सोचता हूँ ... एक न एक दिन तो पोल खुल ही जाती है सो बरगलाना छोड़ देना ही समझदारी है ... इज्जत का कबाडा तो अलग ही होता है । हम अपनी नजरों में ही गिर जाते है ।

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--- संजय सेन सागर

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा