Skip to main content

मुशर्रफ कुछ देर के लिये सन्नाटे में आ गया।

पिछले दिनों परवेज मुशर्रफ भारत आया था।
एक साहसी पत्रकार प्रेरणा कौल ने उससे पुछा ,"मै काश्मीरी पंडित हूं,मेरा घर श्रीनगर में है पर मैं वहाँ जा नहीं सकती,होटल में रूकना पड़ता है,वहाँ जाना नामुमकिन है।क्या आप बता सकेगें कि कब हम वहाँ जा सकते है?
मुशर्रफ कुछ देर के लिये सन्नाटे में आ गया।
इस सवाल का जवाब भारत को भी देना होगा ।
स्वच्छन्द पाकिस्तान की आवाज आप्को भी।

Comments

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा