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हमारे नेता

तन पर सफ़ेद कुरता मन पर ढेर सा मैला
ऐसे है हमारे नेता
कहते है जनसभा में चिल्लाकर वोट दो हमें
वोट दो हमें
हम दिख्लायेगे रास्ता तरक्की का विकास का
( अपनी )
वोट दो हमें हम दिलाएंगे आरक्षण
( और लड़ायेंगे तुम्हें )
वोट दो हमें और संसद भेजो हमको
(हम भूल जायेंगे तुमको) ॥

ज्ञानेंद्र कुमार
हिंदुस्तान, आगरा

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा