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हिंदुस्तान के दर्द के पोस्ट का बढ़ता कारवां !!!

मैं अकेला ही चला था, जानिबे मंज़िल
लोग आते गए और कारवां बढ़ता गया

सौजन्य:
सलीम खान
संरक्षक
स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़
लखनऊ व पीलीभीत, उत्तर प्रदेश

Comments

  1. सलीम जी शुक्रिया..आप एक जागरूक लेखक ही नहीं बल्कि एक अच्छे व्यक्ति भी है !
    पर मैं आपसे यही कहना चाहता हूँ की अपनी उर्जा को हमेशा सही जगह लगाओ !!
    सफलता हमेशा साथ रहेगी !

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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