Skip to main content

ब्लॉग ने संजय सेन सागर की जान ली

आज ऑनलाइन आया तो देखा ''हिन्दुस्तान का दर्द''पर एक पोस्ट पडी हुई है जिसे संजय सेन सागर जी ने लिखा है यह मेरे लिए आश्चर्य की बात थी अब आप कहेंगे की यह महाशय तो हर रोज पोस्ट डालते है लेकिन बात यह है की संजय सेन सागर बी.कॉम.सेकंड इयर के स्टुडेंट है और कल से उनकी परीक्षा प्रारंभ हो रही है तो मुझे उनसे यह आशा तो बिलकुल भी नहीं थी लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया,ब्लॉग्गिंग के प्रति इतना लगाब देखकर ख़ुशी हुई लेकिन परीक्षा के प्रति इतनी लापरवाही देखकर दुःख हुआ !

समझ नहीं आ रहा है की इस ब्लोगेरिया का कोई हल है भी की नहीं,मुझे निश्चित तौर पर इनकी परीक्षा की चिंता है क्योंकि संजय सेन मेरे अच्छे मित्र है !अब इनकी परीक्षा के नतीजे का तो नहीं पता जो होगा सो देखा जायेगा,लेकिन अभी तो यह ही कहा जा सकता है की यह मासूम ब्लोगेरिया से पीड़ित हो चुका है औरइसे दवा की नहीं दुआ की जरुरत है आप लोग संजय सेन सागर जी के लिए दुआ कीजिये क्योंकि यदि यह फ़ैल हुए तो मेरी भी शामत आ जायेगी

आगे पढ़ें के आगे यहाँ

Comments

  1. कास्मिक भाई जीना यहाँ मरना यहाँ..इसके सिवा जाना कहा !!
    यार इससे परीक्षा की टेंशन कम हो जाती है,बदती नहीं है..और वैसे भी कल हिंदी भाषा का पेपर है नो टेंशन !
    आपने इस पोस्ट का शीर्षक ऐसा रखा है की मैं तो घबरा ही गया !

    ReplyDelete
  2. हां सच मैं तो घबरा ही गयी थी..संजय जी कुछ पढ़ लीजिये

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा