आंखों में हया उसकी
होंठों पर मुस्कान
याद दिलाती है उसकी
बेकरारी मेरी
सताती है
तडपाती है
कैसे करूँ इजहारे दिल
कैसे करूँ इकरारे प्यार
गुलाब दूँ
ख़त लिखूं
या मेरे खुदा
कोई और रास्ता बता दे॥
ज्ञानेंद्र
हिंदुस्तान, आगरा
rastey2manzil.blogspot.com
होंठों पर मुस्कान
याद दिलाती है उसकी
बेकरारी मेरी
सताती है
तडपाती है
कैसे करूँ इजहारे दिल
कैसे करूँ इकरारे प्यार
गुलाब दूँ
ख़त लिखूं
या मेरे खुदा
कोई और रास्ता बता दे॥
ज्ञानेंद्र
हिंदुस्तान, आगरा
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प्रेम दिवस की बधाई !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...भावनाओं से भरी!!
बहुत खूबसूरत नज्म !!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!!
khubsurat rachna.....
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