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१८ वां ताज महोत्सव २००९ -- परेशान महोत्सव

१८ वां ताज महोत्सव २००९ हर साल की तरह इस साल भी "ताज महोत्सव" अपने तय समय के मुताबिक १८ - २७ फरवरी तक के लिए लगा है, ताज महोत्सव के हालत साल दर साल बिगड़ते जा रहे हैं, बहुत बुरा हाल कर रखा है, जनता परेशान है, विदेशी नागरिक परेशान है, होटल व्यवसायी परेशान है,......

सबसे पहले जनता की बात करते है, ताज महोत्सव जिस तरह से लगाया जाता है उसके मूल रूप मे अब बदलाव कर दिया गया है, वो बिल्कुल भूल भुलैया बन चुका है सब रास्ते घुमा फिरा कर दे दिए गए हैं, कहीं जाने के लिए सीधा रास्ता नहीं है, अगर आपको झूलो तक जाना है तो आपको एक नई बनी बिल्डिंग मे से घुमते हुए जाना होगा जहाँ पर इतना पतला रास्ता है की आप बगैर किसी के जिस्म को छुए वहां से नही निकल सकते है क्यूंकि इन दिनों वहां पर बहुत भीड़ होती है, चलने के लिए जगह नही है वहां मैं कल गया था वहां पर बुरा हाल हो गया जा कर... आगे पढ़े

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा