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ख्वाब को ख्वाब ही बना रहने दो.....

ख्वाब को ख्वाब ही बना रहने दो.....
ख्वाब कोई आग ना बन जाए कहीं !!
आग के जलते ही तुम बुझा दो इसे
सब कुछ ही ख़ाक ना हो जाए कहीं !!
अपने मन को कहीं संभाल कर रख
तेरे दामन में दाग ना हो जाए कहीं !!
तेरी जानिब इसलिए मैं नहीं आता !!
मेरी नज़रें तुझमें ही खो जाए ना कहीं !!
खामोशी से इक ग़ज़ल कह गया"गाफिल"
इसके मतलब कुछ और हो जाए ना कहीं !!

Comments

  1. उम्दा लेखन का परिचय दिया आपने
    सहयोग के लिए शुक्रिया !

    ReplyDelete

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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