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मेरी तस्वीर को सीने से लगाता क्यूँ है ?


मुझसे ना मिलने की कसम खाता क्यूँ है ?
मेरी तस्वीर को सीने से लगाता क्यूँ है ?
अनदिखा सा रहता है क्यूँ मुझको यारब
और लोगों से मिरा दीदार कराता क्यूँ है ?
वक्त मरहम है,दिल को तसल्ली देता है,गर
तो फ़िर वो हमें खंजर चुभाता क्यूँ है ?
दिल को मेरे भी जरा तपिश तो ले लेने दे
साए से मेरे धुप चुरा कर ले जाता क्यूँ है ?
हश्र तक भी जो पूरे ना हों ऐसे मिरे यारब
सपने हम सबको दिखाता है,दिखाता क्यूँ है ?
तेरे चक्कर में घनचक्कर हुआ हूँ मैं "गाफिल"
मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मुझे चलाता क्यूँ है ?
०००००००००००००००००००००००००००००००००००
०००००००००००००००००००००००००००००००००००
एक बात तो बता अ दोस्त......
तुझे प्यार करना अच्छा लगता है......
या नफरत करना..........??
धत्त.......
ये भी भला कोई पूछने की बात है.....
प्यार करना.....और क्या....!!
क्यूँ....अ मेरे दोस्त ??
क्यूंकि प्यार से ही दुनिया....
दुनिया बनी हुई रहती है.....!!
हुम्म्म्म्म्म्म्म
बस मेरे दोस्त.....
मुझे तुझसे यही पूछना था....!!

Comments

  1. भूतनाथ जी का डेरा हर जगह है। जय हो प्रभु।!!!

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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