Skip to main content

मदद की गुहार

दोस्तों,
मैंने एक ब्लॉग बनाया है लेकिन यह मैंने अपने लिए नही बल्कि उन लोगो के लिए बनाया है जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी में हालात से लड़कर कुछ कर दिखाया. मुझे अपने इस प्रयास में आपके सहयोग की भी ज़रूरत है. मैं चाहता हूँ के आप मुझे ऐसे किसी इन्सान की कहानी भेजें जिसके जीवन से संघर्ष दिलचस्प रहे हों. ब्लॉग देखकर बताएं के अभी इसमे और क्या सुधार किए जा सकता हैं.
इस के साथ ही मेरी आपसे एक गुजारिश और भी है के आप मेरे ब्लॉग के लिए एक प्रेरणा से भरी हुई कविता भेजें जिसमे अपने मुसीबतों से लड़ने और जीतने का संदेश दिया गया हो. या इसी तरह का कोई और संदेश. कविता का एकमात्र उद्देश्य प्रेरणा प्रदान करना होना चाहिए. मैं आप लोगो को एक उदहारण दे रहा हूँ. शायद इस से समझना ज़्यादा आसान हो जाएगा. मुझे उम्मीद है के आप मेरी मदद ज़रूर करेंगे. Please reply soon. Thanks.
परों को परिंदे के क़तर के
शिकारी समझा बाज़ी उसने
जीती परिंदा भी गज़ब का था
हौसले से उड़ गया. .


shamikh faraz
http://www.salaamzindadili.blogspot.com/

Comments

  1. हम हमेशा आपके साथ है दोस्त!!!
    मैंने देखा है आपका प्रयाश बहुत अच्छा है करते रहिये!!!

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा