Skip to main content

गुलजार की नई किताब 'यार जुलाहे' प्रकाशित

ऑस्‍कर पुरस्‍कारों के लिए फिल्‍म 'स्‍लमडॉग मिलेनियर' में 'जय हो...' गीत लिखने वाले मशहूर गीतकार गुलजार की नई किताब 'यार जुलाहे' बाजार में आ गयी है.किताब का संपादन यतीन्द्र मिश्र ने किया है. वाणी प्रकाशन के साथ गुलजार की प्रकाशित होने वाली ये दूसरी किताब है. मशहूर नज़्मों से सजी इस किताब की कुछ नज़्में गुलज़ार ने जयपुर में सुनाईं।
आगे यहाँ

Comments

  1. मुझे काफी दिनों से इस किताब का इंतज़ार था!!
    जानकारी के लिए सुक्रिया!!

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा