गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा
मंदी हा हा !!!
ReplyDeleteगजब की मंदी है जिसने एक हफ्ते में २०० करोड़ की कमाई कर ली उसके ये हाल है !!
लगता है आमिर जी parttime जॉब कर रहे है !!!
मंदी की मार...सब बीमार !!
ReplyDeleteThis paragraph provides clear idea designed for the
ReplyDeletenew people of blogging, that actually how to do running a blog.
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