Skip to main content

प्रीति के पन्ने से


Comments

  1. बहुत ही खूबसूरत रचना है प्रीती जी की !!
    प्रीती जी आपकी यह रचना मुझे इतनी अच्छी लगी की मैंने यहाँ प्रकासित कर दी!!

    ReplyDelete
  2. सच जितनी खूबसूरती के साथ प्रीति जी ने इन रचनाओ को सजाया है उतनी ही
    सटीकता और सुलभता से लिखा है !!
    प्रीति जी आज तक मैंने ऐसी रचना नहीं पढ़ी !!!

    ReplyDelete
  3. अगर मे ये कहूं की हिन्दुस्तान का दर्द ब्लॉग पर ये सबसे सुंदर रचना है तो कुछ गलत न होगा!!
    बहुत बढ़िया प्रीति जी
    काफी प्रभाबित किया आपकी रचनाओं ने !

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर रचना है !!
    काफी प्रभावित किया है,आप इसी तरह लिखते रहिये!!

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा