Skip to main content

बुश पर फेंके गए जूते का DNA टेस्ट, लश्कर से संबंध?


इराक में अमेरिकी प्रेजिडंट जॉर्ज बुश पर जूते फेंकने वाले पत्रकार को लेकर पाकिस्तान में एसएमएस और ई - मेल के जरिए चुटकुले भेजे जा रहे हैं। इन चुटकुलों में कहा जा रहा है कि जो जूते बुश पर फेंके गए , वे पाकिस्तान से ही इराक भेजे गए थे। चुटकुले में जूते के चमड़े को लेकर भी मजाक किया गया है , जिसमें कहा गया है कि चमड़े के ' डीएनए टेस्ट ' से पता चला है कि इसका संबंध लश्कर से है। पाकिस्तान में इन दिनों सबसे अधिक प्रचलित इस चुटकुले में कहा गया है कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने बुश पर जूता फेंकने वाले पत्रकार का संबंध पाकिस्तान और जमात - उद - दावा से जोड़ा है।


देखें : बुश पर ऐसे साधा इराकी पत्रकार ने जूतों से निशाना चुटकुले के मुताबिक , इराकी पत्रकार मुंतजिर अली जैदी साल की शुरुआत में पाकिस्तान आए थे और सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री अरबाब गुलाम रहीम तथा पूर्व संसदीय मंत्री शेर अफगान नियाजी पर जूते फेंकने की घटना से प्रभावित हुए थे। गौरतलब है कि रहीम और नियाजी दोनों ही पाकिस्तान के पूर्व प्रेजिडंट परवेज मुशर्रफ के कट्टर समर्थक माने जाते रहे। सिंध विधानसभा में रहीम का जूतों से स्वागत किया गया था , जबकि नियाजी की गत अप्रैल में लाहौर हाई कोर्ट के बाहर वकीलों के एक ग्रुप ने पिटाई की थी। चुटकुले में कहा गया है कि इराकी पत्रकार को जूते फेंकने की ट्रेनिंग आंतकवादी संगठन लश्कर - ए - तैयबा और जमात - उद - दावा ने दिया था। चुटकुले में जूते के चमड़े को लेकर भी मजाक किया गया है , जिसमें कहा गया है कि चमड़े के ' डीएनए टेस्ट ' से पता चला है कि इसका संबंध लश्कर से है। चुटकुले में कहा गया है कि बुश पर जो जूता फेंका गया , उसे इराक भेजने में पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आईएसआई का भी हाथ हो सकता है। चुटकुले के मुताबिक , इस घटना के बाद ही पाकिस्तानी प्रेजिडंट आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने देश में आतंकवादी संगठनों पर बैन लगाने का निर्णय लिया है।

Comments

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा