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हमारी औकात नहीं जो हम

वेंगसरकर साहब आप को आराम करना चाहिये आप टीम इन्डिया का बहुत (अ)हित कर चुके।मेरे ख्याल से सचिन ,द्रविड़ ,गांगुली जैसे महान खिलाडियों पर कमेन्ट कर के पेपरोंमें जगह बनाना आसान है।शायद इसी लिये जिसे देखो वही भोकने लगता है।एक महान खिलाडी़ दूसरे के लिये क्या कहता है देखें,अभी दिवार मजबूत है द्रविड़ जल्द वापसी करेंगे(सौरव गांगुली)सौरव जानते हैं,और वह अपमान सह चुके हैं।हमारी औकात नहीं जो हम द्रविड़ पर कमेन्ट कर सकें ,इस समय उन्हें हमारे सहयोग की आवस्यक्ता है (किर्ती आजाद)मुझे समझ में नहीं आता भईया लोग व्यस्त कार्यक्रम का रोना रोते हैं आप को याद होगाअभी हाल ही में धोनी( लकी ) श्रीलंका दौरे के समय आराम फरमा रहे थे।फिर द्रविड, सचिन,गांगुली,लक्ष्मण को टेस्ट से क्यों निकाला जा रहा है।भैया आप ५०-५०,२०-२० खेलो आप को आराम भी मिल जायेगा।ये ठीक आप का लक इस समय साथ दे रहा है पर ध्यान रखियेगा इन्डिया की पब्लिक जितनी तेजी से सर पर चढ़ाती है उतनी तेजी से उतारती भी है।

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा