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ज़ंग नासूर है, पर गले लगा सकते है हम !!

हमने हर सम्भव कोशिश की,ज़ंग न हो ! पर पाक ने हर कदम पर ज़ंग को ही जायज बताया! ये ज़ंग नासूर है हिन्दुस्तान और पकिस्तान के लिए पर जब बात यहाँ तक आ गई है तो तुम शान्ति और अमन के लिए इस नासूर से लड़ने के लिए भी तैयार है! तो आओ हिंदुस्तानिओं आज फिर एक हो जाओ, यही मान लो की ये हमारा दूसरा स्वतंत्रता संग्राम है !! हम जंग कर रहे है एक नई स्वतंत्रता के लिए जिसके बाद शयद हुम्हे हर पल नही मरना पड़ेगा !! हम बेकौफ जी सकेंगे !! चाहे इसकी कीमत अब जो भी हो ,इसे हुम्हे चुकाना है! पाक साबधान रहे हम हिन्दुस्तानी आ रहे है !!

जय हिन्दुस्तान ...जय हिन्दुस्तानी

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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा