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राज के हरकतों से तंग आ गया हूँ

राज के हरकतों से तंग आ गया हूँ और अब मुह से भड़ास निकलने का दिल भी नहीं होता मेरा मतलब सीधा है भाइयों अब हमे भी एक बार हाथ साफ़ करने का अवसर मिलना चाहिए राज तो आये दिन हाथ साफ़ कर लेते है पर हम भी इंसान है हमारी भी कुछ भावनाए है ॥हमारा भी दिल करता है हाथ साफ़ करने का ।और राज से अच्छा विकल्प हो ही नहीं सकता !क्यों की भैया अपना तो ऐसा ही जो सोचा सो सोचा ..अब इंतज़ार है मौके का !ऐसी बात नहीं है की मैं अकेले हाथ साफ़ कर लूँगा ..मैं अपने सारे भाइयों को मौका दूंगा यार विस्वास करो मे लेकः हूँ नेता तो हूँ नहीं !!आज एक पूजा का आयोजन कर रहा हूँ जिससे भगवान् mujhe jaldi se जल्दी अवसर उपलब्धी कराये आप सभी आमंत्रित है !


संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा